शनिवार, 6 अगस्त 2011

सोहनी अब कहाँ नहायेगी?

सुगना सोहनी को देखता रहता है। सबेरे की बेर साया सीने के ऊपर तक बाँध कर नहाती है सोहनी, मजाल क्या कि कोई ऐसा वैसा अंग दिख जाय। यादो जी ने प्लाट पर पानी का कनेक्शन नहीं लिया तो क्या, जोगाड़ में कितनी देर लगती है? सुगना ने वो जोगाड़ किया है कि कोठियों में पानी भले न आये, उसके यहाँ चौबिसो घंटे आता है। अगल बगल की सभी लुगाइयाँ पानी लेने आती हैं, लेकिन उन छिछोरियों में सोहनी जैसी बात कहाँ

बीड़ी के छल्ले उड़ाता सुगना मगन है। सोहनी के माथे सेनुर अच्छा लगता है। बाकी वैसे सेनुर नहीं लगातीं। साँवले मुखड़े की कटिंग खबसूरत है, ठीक परधान जी की पतोहू की तरह। कितना मानती हैं मुझे सुगना! का कर तरे सहर में जाके? जब भी गाँव जाओ ज़रूर पूछती हैं। 
कमातनि अउर का
गाँवे में कमाई भले कम होखे, सम्पति त एहिजा बा कहते हुए दुलहिन उदास हो जाती हैं और बबुना किसी न किसी बात पर तड़क उठते हैं। कुछ ज्यादा ही मानते हैं। हरदम चहकती रहती हैं। सोहनी का मरद तो पियक्कड़ है, तभी तो वह यहाँ रोज नहाने की हिम्मत कर पाती है न! कमाऊ मेहरारू क एतनो न सहे तो दारू पिये के कइसे मिले

सोहनी के हाथ में अँगूठे के पास गोदना है। स्वास्तिक बना है, कोई नाम नहीं। कभी वहाँ सुगना का नाम... हुर्र! ई कइसे होगा

सुगना ने बीड़ी को मसल दिया है। साँवर मुँह करिक्खा हो गया है। बहुरिया गवने के बाद महीना भितरे भाग गई। बम्मई देखे खातिर गई। दललवा ने बेंच दिया कहीं, कुछ पता नहीं चला। बबुना ने दललवा को पकड़ कर बहुत पीटा था लेकिन उसने मुँह नहीं खोला और लपत्ता हो गया। 
जाय दे सुगना, बिधि का लिक्खा होते है। 
बबुना हो, कइसन लिक्खा? सम्पति गइल, अब गाँवे कौन मुँह रहीं

वह सोहनी जैसी खबसूरत नहीं थी, तब्बो वोके... का होई अगर सोहनी के साथे भी कौनो वैसे करे

सुगना ने बीड़ी सुलगा लिया है। सोहनी जा चुकी है। लेबर चौराहा जाने का मन नहीं। सोय रहो सुगना! 

भूख की आग है, रात है। कौन रोटी सेंके - ढाबे पर ही खा लो। 
इतनी रात गये सोहनी नहा रही है। आज सुगना पहली बार उससे बोला है एतना राति के नहा रही हो
सोहनी तनिक नहीं लजाई है साफ सुथरा नै रहौं तो सम्पति कैसे आये? सम्पति न आये तो शराब कैसे आये? हम त रोज ऐसहीं रात में नहात हैं। 
पोल के लैट में सोहनी पियरा हँसी हँसी है। पियरा हँसी माने दुख के हँसी। सोहनी चली गई है। 

तो सोहनी रात में भी नहाती है, किसके लिये? अपने लिये? मरद तो नशे में धुत्त सोता है। सुगना शुरुआती पागल पिल्ले की तरह भटक रहा है। कितना बजा होगा? मोबैल 11 बता रहा है। 
काली सकरपी गाड़ी इस समय यहाँ क्यों खड़ी है? दरवाजे खुले हुये हैं। सोहनी आर पार उतान लेटी हुई है। बल्लब की रोशनी की एक लीक हाथ के स्वास्तिक गोदने पर है। तो ये सम्पति है! 
सोहनी, भाग चलो हमारे गाँव। हम सहर में नहीं रहेंगे। 
सुगना पिट रहा है। साला, कुत्ता! इस समय घूम रहा है? औरतों को छेड़ता है। सोहनी उसके ऊपर लेट गई है। कितनी लातें
सोहनी, भाग चलो। 
उसे छोड़ कहाँ जाऊँ? कैसे जाऊँ
तुम लोग मुझे समझ में नहीं आती। 

यादो जी को बिना बताये सुगना गाँव वापस आ गया है। 
दुलहिन खुश हैं। सुगना! अब न जइहे। 
दुलहिन के हाथ में पट्टी है। कुत्ते ने काट लिया था। कुत्ता? कैसे?? 

साँझ है। दुलहिन ने बुलाया है। दुलहिन रो रही हैं। कुत्ते ने नहीं काटा, बबुना ने चक्कू से...सुगना! अब न जइहे। 
सुगना जमीन पर स्वास्तिक बना रहा है। सम्पति यहाँ है। सम्पति छोड़ के अब कहीं नहीं जाना। 

सोहनी अब कहाँ नहायेगी?

15 टिप्‍पणियां:

  1. कमाल का लिखते हो बाबा जी ....
    कसम से बीडी तक की महक आ गयी सुगना के पास खड़े होते ही ...

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  2. कहानी में सच है या सच में कहानी, दमदार है।

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  3. कहानी बदिया लगी.........

    एक महाराज प्रवचन दे रहे थे....... माया गंदे कामों से आती है.. एक मजदूरन इमानदारी से सारा दिन मजदूरी करे तो बमुश्किल पेट पलती है और वही शाम को सज धज के निकल जाए - तो सम्पति आती है.

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  4. kuch sach sirf sach hoa hai, jisape kuch nahi bola ja saka

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  5. सोहनी नहाई यादो जी के घर में...
    यादो जी के घर में...आई दूसर सुगना...
    सोहनी नहाई....
    पीर न जाई..दिन दिन पियराई...सोहनी नहाई
    यादो जी के घर में...
    ...बहुत अच्छी लगी कहानी।

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  6. आपके लेखन में सच खनकता है, स्तब्ध रह जाती हूँ यह सब पढ़ कर!

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  7. बहुत कुछ गूढ़ शब्दों में रहस्यों से भरपूर कहानी ।

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  8. आसक्ति?मोह?आकर्षण??प्रेम का एक रूप??या कुछ और??
    मन भी बड़ी अजीब चीज़ है.
    बेहद खूबसूरती से गढ़ी हुई कथा.

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  9. girijesh ji - can u pls give the link to "bhaang ... labaalab aankhein" - i want to read it again but am unable to find the link ...

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  10. मैं टिप्पणी करूँ? इतना सामर्थ्य नहीं पाता, पढ़ लिया है ये कहूँगा।

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  11. संपत्ति आ गयी लेकिन मति मारी गयी, ये कैसी विपत्ति आई?

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